
देहरादून वाला हूँ || Dehradun Wala Hun
- Rawat
- 04 Aug 2023
Lyrics of Garhwali song देहरादून वाला हूँ || Dehradun Wala Hun
Read Moreपुरुष 👨:
आहा सरूली मेरु जिया लगी गे
तेरी रौत्याली मुखड़ी मा
आहा अक बक सी रे ग्यो...
पहुंची तेरा कुमो गढ़ मा
पुरुष समूह👨👦👦:
ओहों सरूली मेरु जिया लगी गे
तेरी रौत्याली मुखड़ी मा
आहा तेरी रौत्याली मुखड़ी मा
स्त्री 👩:
हे सुम्याल मेरु जिया लगी गे
तेरु नोसूर्य मुरुली मा
आहा आँखि अटकली दिन त्वे
कन्दुड़ी लगी रेंदी बसूली मा
सब स्त्री👩👩👧👧:
हे सुम्याल मेरु जिया लगी गे
तेरु नोसूर्य मुरुली मा
आहा तेरु नोसूर्य मुरुली मा
पुरुष 👨:
आहा स्वाणु तेरु चौंठी कु तिल
हांसिंदी गलोड्यों मा दिखेंदु पिल
आहा स्वाणु तेरु चौंठी कु तिल
हांसिंदी गलोड्यों मा दिखेंदु पिल
तेरी आँखि घैल केजांदी
गिची चुप रे भी छुई लगान्दी
मुखड़ी मा
ओहो मुखड़ी मा जापाक मारे दयो
मरी मिट जो पातूली वठुन्यो मा
आहा सरूली मेरु जिया लगी गे
तेरी रौत्याली मुखड़ी मा
ओहो अक बक सी रे ग्यो...
पहुंची तेरा कुमो गढ़ मा
स्त्री समूह👩👩👧👧:
हे सुम्याल मेरु जिया लगी गे
तेरु नोसूर्य मुरुली मा
आहा आँखि अटकली दिन त्वे
कन्दुड़ी लगी रेंदी बसूली मा
स्त्री 👩:
ओ मेन सोची त्वे बुलेयी द्योऊ
ओ दुरु धारून कुमोऊ ल्योऊ
ओ मेन सोची त्वे भेटेयी द्योऊ
दुरु धारून कुमोऊ ल्योऊ
बसुली मा जब गितार यनु च
देखा त से तब अफु कनु च
ओ कनु होलू
ओ कनु होलू कख होलू बिचारु
काखी दूर यकुली ब्यकुली मा
हे सुम्याल मेरु जिया लगी गे
तेरी नोसुर्य मुरूली मा
आहा आंखी अटकली दिन त्वे
कन्दुडी लगी रेंदी बसूली मा
पुरुष समूह👨👦👦:
ओहों सरूली मेरु जिया लगी गे
तेरी रौत्याली मुखड़ी मा
आहा अक बक सी रे ग्यो...
पहुंची तेरा कुमो गढ़ मा
पुरुष 👨:
ओ मेन हींवेळी डान्डु छोड्याली
तेरी देली सिरोंणु धेर्याली
मेन हींवेळी डान्डु छोड्याली
तेरी देली मा सिरोंणु धेर्याली
अब तो कुछ न कुछ कन ही प्वाडलो
माया लेली त तभी बचोलू
अजो मेरी
अजो मेरी इखरी माया च
तेरी जिया सी दांतुडयों मा
आहा सरुली मेरु जिया लगी गे
तेरी रौत्याली मुखडी मा
ओहो अक बक सी रे ग्यो...
पहुची तेरी कुमो गढ़ मा
स्त्री समूह👩👩👧👧:
हे सुम्याल मेरु जिया लगी गे
तेरु नोसूर्य मुरुली मा
आहा आँखि अटकली दिन त्वे
कन्दुड़ी लगी रेंदी बसूली मा
स्त्री 👩:
ओ डांड्यों बान्सुल्यों का दिन ऐना
ओ उनी फूल्यो की खुदेड़ मैना
ओ डांड्यों बान्सुल्यों का दिन ऐना
ओ उनी फूल्यो की खुदेड़ मैना
ग्वेर छोरों का घसेरीओं का गीत
इन म कन क्वे नी कर कोई प्रीत
ओ त्वे बिगर
ओ त्वे बिगर अधूरी छौंऊ
जनि रालि न हो घण्डुलि मा
हे सुम्याल मेरु जिया लगी गे
तेरी नोसुर्य मुरूली मा
आहा आंखी अटकली दिन त्वे
कन्दुडी लगी रेंदी बसूली मा
सब समूह 👨👨👧👧:
ओहों सरूली मेरु जिया लगी गे
तेरी रौत्याली मुखड़ी मा
हे सुम्याल मेरु जिया लगी गे
तेरी नोसुर्य मुरूली मा
ओहों सरूली मेरु जिया लगी गे
तेरी रौत्याली मुखड़ी मा
ओहों सरूली मेरु जिया लगी गे
तेरी रौत्याली मुखड़ी मा
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